हरियाणा में बारिश का नया अलर्ट: किसानों से लेकर आम जनता तक रहें सतर्क
नई दिल्ली/चंडीगढ़।
भारत मौसम विभाग (IMD) ने हरियाणा के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की है। यह अलर्ट 18 जून से लेकर 23 जून तक के लिए है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।
यह मौसम बदलाव किसानों, विद्यार्थियों, ऑफिस जाने वालों और आम नागरिकों के लिए खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ना केवल खेती-किसानी को प्रभावित कर सकता है, बल्कि सड़क यातायात, बिजली सप्लाई और दैनिक जनजीवन पर भी असर डाल सकता है।
बारिश का नया अलर्ट: किन जिलों में खतरा ज्यादा?
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा के निम्न जिलों में भारी वर्षा का विशेष अलर्ट जारी किया गया है:
गुरुग्राम
फरीदाबाद
हिसार
रोहतक
करनाल
पानीपत
यमुनानगर
अंबाला
सोनीपत
झज्जर
महेंद्रगढ़
रेवाड़ी
भिवानी
इन जिलों में कुछ स्थानों पर 40-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं, गरज के साथ बिजली गिरने की घटनाएं और अचानक बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।
बारिश के पीछे की वजह: मॉनसून की सक्रियता
हरियाणा में इस समय प्री-मॉनसून गतिविधियां तेज हो चुकी हैं और बंगाल की खाड़ी से उठ रही पूर्वी हवाएं, अरब सागर की नमी युक्त हवाओं से टकरा रही हैं। यह टकराव वातावरण में अस्थिरता पैदा कर रहा है, जिससे बादल तेजी से बन रहे हैं और स्थानीय स्तर पर गरज-चमक और बारिश हो रही है।
इस वर्ष मानसून के 18 जून के आसपास हरियाणा में पहुंचने की संभावना जताई गई थी, और अब इसका असर दिखना शुरू हो गया है।
किसानों के लिए विशेष चेतावनी और सलाह
बारिश की चेतावनी को देखते हुए किसानों के लिए यह बेहद नाजुक समय है। अगर आपने हाल ही में धान, कपास या बाजरे की बुआई की है, तो निम्न सावधानियाँ बरतें:
1. कटाई या बुआई का काम टालें: बारिश की संभावना को देखते हुए कोई भी नई फसल बोने या पुरानी फसल काटने से बचें।
2. सिंचाई रोकें: आने वाले 4–5 दिनों तक सिंचाई से परहेज़ करें, क्योंकि अतिरिक्त पानी से फसल को नुकसान हो सकता है।
3. खाद/कीटनाशक का छिड़काव स्थगित करें: बारिश के दौरान या ठीक पहले स्प्रे करने से दवा का असर खत्म हो सकता है।
4. स्टोरेज सुरक्षित करें: अनाज या फसल को ढंककर रखें, ताकि पानी से खराब ना हो।
शहरों में कैसे होगी बारिश की मार?
1. ट्रैफिक जाम और जलभराव:
गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला जैसे शहरी इलाकों में हल्की बारिश के बाद ही जलभराव की समस्या आम हो जाती है।
भारी बारिश की सूरत में:
सड़कों पर भयंकर ट्रैफिक जाम
बिजली कटौती
Metro/Bus सेवाओं पर असर
स्कूल-कॉलेज बंद करने की नौबत
2. घरों-दफ्तरों में पानी घुसने की समस्या:
नीचे के फ्लोर पर रहने वालों को सावधान रहना चाहिए, खासकर जहां ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है।
छात्रों और नौकरीपेशा लोगों के लिए सुझाव
हरियाणा के युवा और कामकाजी वर्ग को मौसम को ध्यान में रखते हुए निम्न सलाह दी जाती है:
मोबाइल पर मौसम ऐप जैसे "Skymet", "Accuweather" या "IMD Mausam" से अपडेट लेते रहें।
बाहर निकलने से पहले छाता या रेनकोट साथ रखें।
अगर जरूरी ना हो तो घर से ही वर्क फ्रॉम होम करें।
स्कूली छात्र छुट्टियों या ऑनलाइन क्लास की तैयारी रखें।
बारिश के दौरान बिजली गिरने से कैसे बचें?
IMD ने स्पष्ट किया है कि कई इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं। ऐसे में निम्न सावधानियाँ जरूरी हैं:
खुले मैदान, पेड़, मोबाइल टावर से दूर रहें।
मोबाइल, लैंडलाइन, बिजली से जुड़े उपकरणों का प्रयोग ना करें।
घर में रहें और लकड़ी या रबर के चप्पल पहनें।
बारिश के समय छत पर ना जाएं।
प्रशासन की तैयारी क्या है?
हरियाणा सरकार और स्थानीय प्रशासन ने निम्न उपाय किए हैं:
Control Room स्थापित कर दिया गया है जो 24x7 मौसम पर निगरानी कर रहा है।
नगर निगमों को ड्रेनेज की सफाई के निर्देश दिए गए हैं।
बिजली विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
आपातकालीन नंबरों को चालू कर दिया गया है:
बिजली: 1912
आपातकाल: 112
स्वास्थ्य: 108
जल निगम: 1800-180-5678
लोगों की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर बाढ़ जैसा माहौल
हरियाणा के कई यूजर्स ने ट्विटर और फेसबुक पर तेज बारिश और आंधी के वीडियो शेयर किए हैं।
कुछ जगहों पर पेड़ गिरने, बिजली के खंभे टूटने और पानी भरने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
लोगों की मांग है कि सरकार और स्थानीय निकाय जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकाले।
आने वाले 7 दिनों का मौसम अनुमान (District-wise)
दिनांक मौसम अनुमान प्रभावित जिले
19 जून भारी बारिश, 50 किमी हवा करनाल, यमुनानगर, अंबाला
20 जून मध्यम बारिश, गरज गुरुग्राम, फरीदाबाद
21 जून हल्की बारिश रेवाड़ी, झज्जर
22 जून बिजली गिरने की संभावना रोहतक, पानीपत
23 जून आंशिक बादल, बौछारें सभी जिले
निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
हरियाणा के लिए यह बारिश का अलर्ट चेतावनी नहीं, बल्कि एक अवसर भी है—जहां हम मौसम की जानकारी से पहले ही सावधानी बरतकर जान-माल का नुकसान टाल सकते हैं।
सरकार, किसान, नागरिक, छात्र और व्यापारी—सबको मिलकर इस बारिश के मौसम में सजग और सतर्क रहना होगा।
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