इज़राइल और ईरान के बीच जंग शुरू: जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
🔥 हाल की स्थिति (Current Situation)
तेज़ीसँग हिंसक मुठभेड़
13–16 जून 2025 के बीच, इजराइल और ईरान की ओर से मिसाइल, ड्रोन और हवाई आक्रमणों की तीव्र और तीव्रतर श्रृंखला हुई। इजराइल ने ईरानी परमाणु, सैन्य, और ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, जबकि ईरान ने इजराइल के प्रमुख शहरों टेल अवीव, हाइफ़ा, और गलीली क्षेत्र में मिसाइल और ड्रोन हमले किये। इस हमलावर युद्ध में दोनों ओर भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। कोर्टीन युद्ध अब चार दिन से जारी है और इसकी तीव्रता बढ़ती जा रही है।
🧨 इजराइल का हमला (Israeli Strikes)
1. परमाणु स्थल एवं मिसाइल फ़ैक्ट्रियाँ निशाने पर
इजराइल की एयर फ़ोर्स ने तेहरान, इस्फ़हान, नतांज, और फारदो जैसी जगहों पर परमाणु अनुसंधान प्रयोगशालाएं, मिसाइल उत्पादन सुविधाएँ, आयुध भंडार और रिफाइनरी को निशाना बनाया—जिसमें कई वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक और IRGC अधिकारी मारे गए ।
2. ऊर्जा बुनियादी ढांचा तबाह
दक्षिण पार्स गैस फील्ड, तेल डिपो, तेल एवं गैस रिफाइनरी सहित कई ऊर्जा साइटों में आग और विस्फोट देखे गए । इससे ईरानी ऊर्जा निर्यात और घरेलू आपूर्ति बाधित हुई।
3. तेहरान में हाई साइकर्टिक हिट
Defense Ministry के मुख्यालय और एयर फ़ोर्स क्वार्टर समेत एयर डिफेंस प्रणालियाँ निशाने पर आईं । इजराइल ने क्राफ्टेड योजनाबद्ध हमलों का दावा किया।
4. मॉसाद ड्रोन अड्डा (कथित रूप से)
रिपोर्ट्स के अनुसार, “Operation Rising Lion” के तहत, मोसाद ने ईरान में गुप्त ड्रोन बेस स्थापित किया, जिससे स्थानीय हमले संभव हुए । इस कदम ने युद्ध की रणनीति में नया आयाम जोड़ा।
5. घायलों तथा आर्थिक प्रभाव
ईरानी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इजराइली हमलों में अब तक ~224 से 400+ लोगों की मौत हुई, इनमें अधिकांश नागरिक हैं (90% क्षतिग्रस्त रिपोर्ट एवं कुल ~1 200 घायल) । साथ ही तेल बाजार में Brent क्रूड की कीमतों में 12% तक वृद्धि हुई ।
🛡️ ईरान की प्रतिक्रिया (Iran’s Counterstrike)
1. मिसाइल और ड्रोन हमले
ईरान ने 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल और 100 से भी अधिक शहीद UAVs (ड्रोन) इजराइल के खिलाफ लॉन्च किए । इजराइल ने इनमें से अधिकांश को इंटरसेप्ट किया, खासकर Iron Dome प्रणाली का इस्तेमाल करके ।
2. नई मिसाइल का उपयोग
ईरान ने “हाज कासेम” नामक गाइडेड बैलिस्टिक मिसाइल का पहली बार उपयोग किया, जो कि इजराइल को लक्षित करने के लिए उन्नत दिशा-निर्देशन से लैस है ।
3. न्यूक्लियर-साइज़ मिसाइल हमले
बैलिस्टिक मिसाइलों ने टेल अवीव, गलीली, हाइफ़ा सहित कई शहरी क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिससे काफी जान-माल का नुकसान हुआ – कम से कम 10 नागरिकों की मौत और 180 घायल ।
4. टेलीविजन पर आत्मरक्षा का दावा
ईरान की सरकार ने अपने हमलों को “आत्मरक्षा” का दावा करते हुए, इजराइली हमलों को ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया ।
👥 नागरिक और मानव त्रासदी
ईरानी पलायन: तेहरान से बड़ी संख्या में लोग खुद को और अपने परिवार को बचाने हेतु गिलान, माज़ंदरान, अल्बोर्ज आदि की ओर पलायन करने लगे ।
*“इंटरनेट बंद, पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइने और सामान की कमी”—जयवा हालात*।
आतंगित जनजीवन:
तेहरान में मेट्रो स्टेशन और मस्जिदों को बॉम्बर शेल्टर में बदल दिया गया । वहीं इजराइल में एयरपोर्ट बंद, नागरिकों को आश्रय की सलाह दी जा रही है ।
🌍 क्षेत्रीय और ग्लोबल प्रतिबद्धता
1. G7 और यूरोपीय दखल: कनाडा में जम बैठे G7 नेताओं ने इस झड़प को समेकित मुद्दे के रूप में उठाया ।
जर्मनी के चांसलर मर्ज ने कूटनीतिक रास्ता अपनाने और इजराइल के आत्मरक्षा परमाणु अधिकार की पुष्टि की ।
2. ब्रिटेन की सैन्य तत्परता:
यूके ने पूर्वी भूमध्य में टाइफून लड़ाकू विमान भेजे, और मध्यपूर्व में UK स्थिरता के लिए तैयारियों को तेज़ किया । सिविलियन यात्रा चेतावनी जारी की गई।
3. ऑस्ट्रेलिया की चिंता:
ऑस्ट्रेलियाई DPM रिचर्ड मार्लेस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था विशेष रूप से तेल की आपूर्ति के महँगाई पर संकट बताया । ऑस्ट्रेलिया ने दोनों देशों के लिए यात्रा पर पाबंदी लगाई।
4. संयुक्त राष्ट्र, ICRC और क्षेत्रीय शक्तियां:
UN और रेड क्रेसेंट ने नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की ।
जापान, टर्की, कतर, ओमान ने बातचीत शुरू करने की पहल की। चीन और यूरोपीय देश संघर्ष विराम पर जोर दे रहे हैं ।
5. अमेरिकी भूमिका:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इजराइल की कार्रवाई का आलोचना किया कि अमेरिका सीधे नहीं शामिल था, इजराइल के परमाणु हमले योजना को अस्वीकृत किया गया ।
हाल ही में ट्रम्प ने कहा, “एक संभावित राजनयिक समझौता संभव है, पर युद्ध चुपचाप चलना चाहिए” ।
⏳ बलों की ताकत और रणनीतिक सुरक्षा
दोनों पक्षों का इंतज़ाम:
The Economist के अनुसार, यह संघर्ष एयर और मिसाइल युद्ध का शीघ्र परीक्षण हो गया है; दोनों तरफ़ प्रभावी सिस्टम मौजूद हैं और अब दो सप्ताह तक यह टिक सकता है ।
ईरान के पास सबसे बड़ी मिसाइल शक्ति है, और वह सप्ताहों तक मिसाइल हमला जारी रख सकता है ।
इस्राइली मिसाइल रक्षा:
Iron Dome, THAAD और अन्य प्रणालियों ने 100+ UAVs को इंटरसेप्ट किया । लेकिन ईरान की नई मिसाइलें प्रणाली के लिए वास्तविक चुनौती बनी जा रही हैं ।
ईरान के विकल्प:
विश्लेषकों का कहना है कि ईरान रणनीतिक रूप से मिसाइल और कूटनीति दोनों रास्तों पर काम कर सकता है—कूटनीतिक तोड़-फोड़ करना, मिडिया युद्ध, और क्षेत्रीय सहयोग जैसे हौथी मिलिशिया को शामिल करना ।
⚖️ जोखिम और भविष्य की राह
1. क्षेत्रीय फैलाव:
इज़राइल-ईरान संघर्ष ने लेबनान (हेज़बोल्लाह), यमन (हौथी), इराक़ (क़ताइब हेज़्ब-ओल्लाह) जैसे क्षेत्रीय तत्वों को सक्रिय किया है। हौथियों ने मिसाइल और ड्रोन का प्रयोग इजराइल के खिलाफ किया ।
2. तेल और अर्थव्यवस्था:
Brent क्रूड 12% ऊपर गया, आर्थिक अस्थिरता बढ़ी । मिस्र, ऑस्ट्रेलिया जैसी कई अर्थव्यवस्थाएँ इस संकट से डरी हुई हैं।
3. न्यूक्लियर बातचीत पर असर:
ईरान ने परमाणु वार्ता से दूरी बना ली, कहा “अधिनायकवाद युद्ध के बीच सार्थक वार्ता नहीं हो सकती” ।
4. राजनैतिक दबाव:
इजराइल में प्रधानमंत्री नेतन्याहु अपना राजनीतिक भविष्य इस हमले की सफलता पर टिका हुआ बता रहे हैं ।
वहीं ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों ने संयम की सलाह दी है ।
🗓️ आगे की स्थिति (What's Next)
ग7 शिखर वार्ता:
16–17 जून को कनाडा में G7 नेताओं की बैठक होगी, जहां इस मुद्दे पर कूटनीति की दिशा तय होगी ।
आर्थिक दबाव:
तेल कीमतें, निवेश का माहौल, यातायात – ये सब अंतरराष्ट्रीय नजरों में उपभोग और दबाव बनाते रहेंगे। कई देश अपने नागरिकों को क्षेत्र से निकाल रहे हैं।
दबाव बढ़ने की संभावना:
युद्ध अब तीसरे-चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है, और इजराइल बोलेगा कि न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट करने में उसे समय लगेगा—संभावना है कि यह दो सप्ताह चलेगा ।
अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता:
कतर, तुर्की, ओमान जैसे देशों से बातचीत जारी—and UN, EU, G7 की अंतरिम पहल जारी रह सकती है।
सारांश:
इजराइल और ईरान के बीच मिसाइल और ड्रोन युद्ध तेज़ी से जारी है।
इजराइल ने ईरानी परमाणु, सैन्य, और ऊर्जा ढांचों पर बड़े विनाशकारी हमले किये।
ईरान ने 150+ मिसाइलें और 100+ ड्रोन भेजे, जिसमें कुछ उनका “हाज कासेम” मिसाइल थी।
दोनों पक्षों में भारी नागरिक जनहानि हुई—ईरान में ~224–400, इजराइल में ~10–14 मौतें; घायल कई सौ।
तटीय देशों द्वारा चेतावनी और विदेशी एयरलाइंस ने यात्रा प्रतिबंध लागू किया।
तेल की कीमतें बढ़ीं, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई।
G7, UN, EU बीच कूटनीतिक वार्ता जारी, लेकिन ईरान वार्ता से इनकार कर रहा है।
यूके ने युद्ध की तैयारियाँ तेज की, ऑस्ट्रेलिया ने चिंता व्यक्त की, ट्रम्प ने राजनीति बयान दिए।
स्ट्रैटेजिक मिसाइल युद्ध हो रहा है—दोनों देश अभी दो सप्ताह तक इसे जारी रखने की स्थिति में हैं। क्षेत्रीय फैलाव और अंतर्राष्ट्रीय संकट बने रहेंगे।
🔎 निष्कर्ष (Conclusion)
अब युद्ध की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि:
इजराइल अपना हमला तेज रख पाता है या ईरानी मिसाइल-दस्तों का इंतज़ाम कर पाता है।
अंतर्राष्ट्रीय समाज कूटनीति के बल पर संघर्ष को सीमित कर सकता है या नहीं।
G7, UN, EU और क्षेत्रीय शक्तियाँ मिलकर कैसे मध्यस्थता निभाती हैं।
यदि दोनों तरफ़ मुकाबला जारी रहा, तो यह मध्य पूर्व को एक बड़े युद्ध की ओर ले जा सकता है, जिसका वैश्विक असर तेल, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर पड़ेगा।
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